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Showing posts from December, 2019

डॉ.मधु भारद्वाज के सम्मान में कादम्बिनी क्लब हैदराबाद द्वारा आयोजित विशेष गोष्ठी

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हैदराबाद :  कादम्बिनी क्लब  हैदराबाद की ओर से वरिष्ठ साहित्यकार पत्रकार एवं सहायक निदेशक राजभाषा राष्ट्रीय जालमा कुष्ठ एवं अन्य माइक्रोबैक्टीरियल रोग संस्थान, आगरा की डॉ मधु भारद्वाज के सम्मान में एक विशेष गोष्ठी का आयोजन होटल आईमैक्स इन में किया गया। डॉ अहिल्या मिश्र ने गोष्ठी की अध्यक्षता की। सर्वप्रथम 'अतिथि देवो भव:' की परंपरा का निर्वाह करते हुए मधु भारद्वाज का शाल और मोती माला से सम्मान किया गया। क्लब अध्यक्ष डॉ अहिल्या मिश्र द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी। डॉ मधु भारद्वाज का सम्मान करते हुए डॉ अहिल्या मिश्र व अन्य तत्पश्चात् डॉ मधु भारद्वाज की हाल ही में प्रकाशित कृति 'जिओ तो कुछ ऐसे' का लोकार्पण क्लब संयोजिका डॉ अहिल्या मिश्र एवं उपस्थित सदस्यों द्वारा किया गया। उन्होंने पुस्तक की प्रतियां सभी को भेंट स्वरुप प्रदान की। अतिथि कवयित्री ने अपने काव्य संग्रह में से चुनी हुई कविताओं का पाठ किया। यह भी पढ़ें : हैदराबाद में कादंबिनी क्लब का रजतोत्सव संपन्न, गोवा गवर्नर मृदुला सिन्हा हुईं शरीक कादंबिनी क्लब की 324वीं मासिक गो

प्रदूषण में वृद्धि के कारक

'साहित्य सुधा' में प्रकाशित मेरा आलेख। प्रदूषण में वृद्धि के लिए सिर्फ सरकार को दोषी ठहराना उचित नहीं, और भी कारक हैं जिम्मेदार                 बीते कई दिनों से देश की राजधानी दिल्ली के एनसीआर में वायु प्रदूषण बेहद ख़तरनाक स्तर पर पहुंच गया है। इसकी वजह से वहां के निवासियों को न केवल सांस लेने में तकलीफ़ हो रही है बल्कि आंखों में जलन और त्वचा सम्बन्धी अन्य परेशानियां भी हो रही हैं। द्वारका इलाके में हवा की गुणवत्ता का स्तर 900 के पार पहुंच गया है। ऐसे में लोग स्वच्छ हवा में सांस लेने को तरस गए हैं। दिल्ली पूर्ण रूप से गैस चैंबर में तब्दील हो चुकी है। हमारे देश में जब भी किसी सार्वजनिक समस्या के बारे में बात होती है तो हम सब उसका पूरा दोष वहां की सरकार पर मढ देते हैं। फिर चाहे वह दिल्ली में प्रदूषण की समस्या हो या जेएनयू में जारी छात्र हड़ताल की। खैर, हम यहां पर दिल्ली में प्रदूषण की बात कर रहे हैं। प्रकृति और पर्यावरण से संबंधित कोई भी समस्या न तो एक दिन में पैदा होती है और न ही एक दिन में उसका समाधान ढूंढा जा सकता है। ये दोनों ही दीर्घकालिक समस्याएं हैं। जो लोग इसके लिए

कादम्बिनी क्लब की मासिक गोष्ठी एवं पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम सम्पन्न

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कादम्बिनी क्लब की 329वीं मासिक गोष्ठी और ‘तेरा मेरा साथ रहे’ पुस्तक का लोकार्पण सम्पन्न तेलंगाना   Today, about 6 hours ago फेसबुक पर शेयर करें Share On Twiter गूगल+ पर शेयर करें लिंक्डइन पर शेयर करें वाट्सएप्प पर शेयर करें 0 Comments हैदराबाद :  कादंबिनी क्लब  हैदराबाद के तत्वधान में क्लब की 329वीं मासिक गोष्ठी मदन देवी कीमती सभागार रामकोट में आयोजित की गई। प्रेस विज्ञप्ति में डॉक्टर अहिल्या मिश्र क्लब अध्यक्षा एवं मीना मूथा कार्यकारी संयोजिका ने आगे बताया कि गोष्ठी की अध्यक्षता डॉ अहिल्या मिश्र ने की। मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर ऋषभ देव शर्मा, मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर गोपाल शर्मा, सम्माननीय अतिथि अनिल कुमार सिंह, लेखक डॉक्टर रामनिवास साहू एवं संगोष्ठी संयोजक प्रवीण प्रणव मंचासीन हुए। सत्र का आरंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। मंचासीन अतिथियों ने मां शारदे के चित्र पर माल्यार्पण की। डॉ रमा द्विवेदी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। तत्पश्चात अतिथियों का शॉल माला से सम्मान किया गया। इसमें अवधेश कुमार सिन्हा, देवीदास घोडके, नीरज कुमार, डॉ गीता जांगिड़, डॉक्ट

पूर्वोत्तर भारत में नागरिकता संशोधन बिल का विरोध क्यों?

नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में विरोध प्रदर्शन जारी है। विधायक के घर और रेलवे स्टेशन को आग के हवाले कर दिया गया है। समझ में नहीं आता कि देश को खतरा इन उग्रवादी संगठनों से है या किसी और से? अगर इन्हें अपना देश, अपना प्रदेश प्रिय होता तो ये कभी भी निजी या सरकारी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाते। ये शायद भूल रहे हैं कि इन्होंने तो अपने ही देशवासियों को अपने राज्य से इस तरह खदेड़ दिया था, जैसे वे विदेशी हों। बरसों से रह रहे भारतवासियों को अपना सब कुछ छोड़कर रातों-रात वहां से अपनी जान बचाकर भागना पड़ा था। अपने ही देश में वे निर्वासित कर दिए गए थे। तब न तो तत्कालीन सरकार और न ही कोई मानवाधिकारवादी संगठन इनको रोकने आगे आए थे और न ही आज़ आ रहे हैं। उल्टा आज़  वे ही अलगाववादी दल विपक्ष में बैठकर उन्हें हिंसा और उग्रवाद के लिए भड़का रहे हैं। जिनको अपनी संस्कृति इतनी प्यारी है, वे दूसरे की संस्कृति का सम्मान क्यों नहीं करते? क्या पूर्वोत्तर के राज्यों के निवासी देश में किसी अन्य राज्य में नहीं रहते? नागरिकता संशोधन बिल तो आज़ आया है लेकिन इन्होंने तो पूर्ववर्ती सरक

विश्व मानवाधिकार दिवस ं

आज़ विश्व मानवाधिकार दिवस है। सम्पूर्ण विश्व में सभी मानव एक जैसे हैं, सबके समान अधिकार हैं। सबसे बड़ी बात ये कि सबको समान रूप से जीने का अधिकार है, इसी अवधारणा को  और अधिक मजबूत करने के लिए ही शायद इसकी आवश्यकता महसूस हुई होगी और ये अस्तित्व में आया होगा। मगर बावजूद इसके आज भी न केवल हमारे देश में अपितु पूरे विश्व में कमजोर तबके के लोगों के मानवाधिकारों का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन हो रहा है। उनमें सबसे अधिक उत्पीड़ित और शोषित है महिला वर्ग।               कहने को तो हम इक्कीसवीं सदी में जी रहे हैं। विज्ञान और प्रौद्योगिकी की दुनिया में हमने अभूतपूर्व प्रगति की है। अंतरिक्ष मिशन और चंद्रयान मिशन में भी महिला वैज्ञानिकों का बहुत योगदान रहा है। हर क्षेत्र में महिलाएं प्रगति कर रही हैैं। यहां तक कि कई क्षेत्रों में वे पुरुषों से भी आगे निकल चुकी हैं और बस यही उनसे हज़म नहीं हो रहा है। आज़ न केवल अनपढ़ घरेलू महिलाएं बल्कि पढ़ी-लिखी महिलाएं भी घरेलू हिंसा और यौन उत्पीड़न का शिकार हैं। आए दिन महिलाओं के  विरुद्ध शारीरिक और मानसिक हिंसा की खबरें अखबारों में प्रकाशित होती रहती हैं और न्यूज़ चैनल

प्रदर्शन कलाओं में नाट्य शास्त्र की भूमिका पर एक दिवसीय नेशनल सेमिनार आयोजित

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साक्षी समाचार में प्रकाशित न्यूज़ प्रदर्शन कलाओं में नाट्य शास्त्र की भूमिका पर सेमिनार आयोजित, वक्ताओं ने दिया यह संदेश तेलंगाना   Yesterday, 8:30 pm   Updated: Today, about 4 hours ago फेसबुक पर शेयर करें Share On Twiter गूगल+ पर शेयर करें लिंक्डइन पर शेयर करें वाट्सएप्प पर शेयर करें 0 Comments हैदराबाद : भक्ति, साहित्य और सांस्कृतिक अध्ययन शोध संस्थान, तुलसी भवन, उस्मानिया विश्वविद्यालय के डायरेक्टर प्रो प्रदीप कुमार द्वारा यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड सोशल साइंसेज के सेमिनार हॉल में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका विषय था- 'प्रदर्शन कलाओं में नाट्य शास्त्र की भूमिका।' आज यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो केशव नारायण, भूतपूर्व प्रिंसिपल यूनिवर्सिटी कालेज ऑफ आर्ट्स एंड सोशल साइंसेज ओयू ने की। इसके मुख्य अतिथि प्रो सीएच गोपाल रेड्डी, रजिस्ट्रार उस्मानिया यूनिवर्सिटी और सम्मानित अतिथि प्रो डी रवीन्द्र, प्रिंसिपल यूनिवर्सिटी कालेज ऑफ आर्ट्स एंड सोशल साइंसेज थे। भूतपूर्व प्रिंसिपल वनिता महाविद

क्या हैदराबाद पुलिस द्वारा किया गया एनकाउंटर समय की मांग था?

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आज़ सुबह से ही पूरे देश में जश्न का माहौल है और तेलंगाना पुलिस की वाहवाही हो रही है। हो भी क्यों न, पुलिस ने काम ही ऐसा किया है। दिशा हत्याकांड के आरोपी पुलिस की कस्टडी में थे और जांच को आगे बढ़ाने के लिए पुलिस आज़ उन्हें घटनास्थल पर लेकर गई थी। https://hindi.sakshi.com/telangana/2019/12/07/encounter-of-disha-accused-in-shadnagar - सरिता सुराणा फेसबुक पर शेयर करें Share On Twiter गूगल+ पर शेयर करें लिंक्डइन पर शेयर करें वाट्सएप्प पर शेयर करें 0 Comments 'अब तक तो वो रोज खून के आंसू रोई होगी। आज़ उसकी आत्मा को थोड़ी शान्ति मयस्सर हुई होगी। ये तो एक ट्रायल मात्र है दोस्तों! पिक्चर अभी बाकी है। अभी तो कितनी निर्भया और दिशा का इंसाफ बाकी है।' आज़ सुबह से ही पूरे देश में जश्न का माहौल है और तेलंगाना पुलिस की वाहवाही हो रही है। हो भी क्यों न, पुलिस ने काम ही ऐसा किया है। दिशा हत्याकांड के आरोपी पुलिस की कस्टडी में थे और जांच को आगे बढ़ाने के लिए पुलिस आज़ उन्हें घटनास्थल पर लेकर गई थी। जहां उन्होंने पुलिस को चकमा देकर भागने की कोशिश की। उनके हथियार

प्रदर्शन कलाओं में नाट्य शास्त्र की भूमिका पर एक दिवसीय सेमिनार आयोजित

प्रदर्शन कलाओं में नाट्य शास्त्र की भूमिका पर एक दिवसीय सेमिनार आयोजित              भक्ति, साहित्य और सांस्कृतिक अध्ययन शोध संस्थान, तुलसी भवन, उस्मानिया विश्वविद्यालय के डायरेक्टर प्रो.प्रदीप कुमार द्वारा यूनिवर्सिटी काॅलेज ऑफ आर्ट्स एंड सोशल साइंसेज के सेमिनार हाॅल में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका विषय था- 'प्रदर्शन कलाओं में नाट्य शास्त्र की भूमिका'।             आज़ जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की, प्रो.केशव नारायण, भूतपूर्व प्रिंसिपल यूनिवर्सिटी कालेज ऑफ आर्ट्स एंड सोशल साइंसेज, ओयू ने। इसके मुख्य अतिथि थे-प्रो. सीएच. गोपाल रेड्डी, रजिस्ट्रार उस्मानिया यूनिवर्सिटी और सम्मानित अतिथि थे-प्रो.डी.रवीन्द्र, प्रिंसिपल यूनिवर्सिटी कालेज ऑफ आर्ट्स एंड सोशल साइंसेज। भूतपूर्व प्रिंसिपल वनिता महाविद्यालय की डाॅ.बी.वाणी इस संगोष्ठी की मुख्य वक्ता थीं। ओयू के संस्कृत विभाग के प्रमुख डॉ.विद्यानंद आर्य   विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में शामिल हुए। वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखिका सरिता सुराणा भी इस कार्यक्रम में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप म