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Showing posts from December, 2021

हाइकु दिवस पर विशेष आलेख

 आज  हाइकु दिवस पर विशेष आलेख- 'भारत में हाइकु के जनक प्रो. सत्य भूषण वर्मा' ************************************** डॉ. सत्य भूषण वर्मा भारत में हाइकु कविता के उन्नायक और दिशावाहक थे। देश में हाइकु कविता का जब भी संदर्भ आएगा, डॉ. वर्मा को अवश्य ही याद किया जाएगा। 4 दिसंबर, 1932 ई. को तत्कालीन भारत और आज के पाकिस्तान की रावलपिंडी में जन्मे वर्मा जी मूल रूप से हिंदी के प्राध्यापक थे और शांति निकेतन तथा जोधपुर विश्वविद्यालयों में हिंदी प्रवक्ता रह चुके थे। हिंदी के साथ-साथ वे संस्कृत, बंगला, उड़िया, असमिया, पंजाबी, उर्दू, चीनी, जापानी आदि भाषाओं के भी जानकार थे। जापानी भाषा उन्होंने वर्ष 1956 से ही सीखनी शुरू कर दी थी। 1974 ई. में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय आने पर हिंदी के स्वनामधन्य आलोचक तथा हाइकु को एक कविता ही नहीं, एक संस्कृति मानने वाले प्रो.नामवर सिंह की प्रेरणा से वे हाइकु के अध्ययन में प्रवृत्त हुए और फिर उन्होंने उन्हीं के निर्देशन में अपना महत्वपूर्ण शोध कार्य 'जापानी- हाइकु और आधुनिक हिंदी-कविता' भी वर्ष 1981 में पूरा किया। देश के प्रतिष्ठित उच्च शिक्षा संस्थ

हाइकु लेखन के नियम

 हाइकु लेखन के नियम हाइकु को काव्य-विधा के रूप में प्रतिष्ठा प्रदान की मात्सुओ बाशो (१६४४-१६९४) ने। बाशो के हाथों सँवरकर हाइकु १७वीं शताब्दी में जीवन के दर्शन से अनुप्राणित होकर जापानी कविता की युग-धारा के रूप में प्रस्फुटित हुआ। आज हाइकु जापानी साहित्य की सीमाओं को लाँघकर विश्व-साहित्य की निधि बन चुका है। हाइकु अनुभूति के चरम क्षण की कविता है। सौंदर्यानुभूति अथवा भावानुभूति के चरम क्षण की अवस्था में विचार, चिंतन और निष्कर्ष आदि प्रक्रियाओं का भेद मिट जाता है। यह अनुभूत क्षण प्रत्येक कला के लिए अनिवार्य है। अनुभूति का यह चरम क्षण प्रत्येक हाइकु कवि का लक्ष्य होता है। इस क्षण की जो अनुगूँज हमारी चेतना में उभरती है, उसे जिसने शब्दों में उतार दिया, वह एक सफल हाइकु की रचना में समर्थ हुआ। बाशो ने कहा है, "जिसने जीवन में तीन से पाँच हाइकु रच डाले, वह हाइकु कवि है। जिसने दस हाइकु की रचना कर डाली, वह महाकवि है।" (प्रो. सत्यभूषण वर्मा, जापानी कविताएँ, पृष्ठ-२२) हाइकु कविता को भारत में लाने का श्रेय कविवर रवींद्र नाथ ठाकुर को जाता है। "भारतीय भाषाओं में रवींद्रनाथ ठाकुर ने जापान-य

भारतीय लोकगीत महोत्सव सम्पन्न

 https://ashrutpurva.com/?p=4052  https://ashrutpurva.com/?p=4052 सूत्रधार संस्था द्वारा 'भारतीय लोकगीत महोत्सव' का शानदार आयोजन ********************************************* हैदराबाद। सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, भारत की 19 वीं विशेष राष्ट्रीय संगोष्ठी 'भारतीय लोकगीत महोत्सव' का ऑनलाइन आयोजन रविवार दिनांक 28.11.2021 को किया गया। संयोजिका डॉ.राखी सिंह कटियार ने कार्यक्रम का शुभारम्भ किया और उदयपुर से विख्यात लोकगीत कलाकार, पत्रकार और साहित्यकार डॉ. शकुन्तला सरुपरिया जी को अध्यक्षता के लिए मंच पर सादर आमंत्रित किया। तत्पश्चात् विशेष वक्ता के तौर पर कोलकाता की विख्यात युवा कवयित्री सुश्री नीता अनामिका, संस्था अध्यक्ष सरिता सुराणा और सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल से विशेष अतिथि के रूप में विख्यात समाज सेविका और कवयित्री सुश्री प्रतिमा जोशी को मंच पर आमंत्रित किया। श्रीमती ज्योति नारायण ने स्वरचित सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की। उसके बाद संस्था अध्यक्ष ने सभी अतिथियों और सहभागियों का शब्द-पुष्पों से हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन किया और संस्था द्वारा संचालित नियमित गतिविधि

सूत्रधार संस्था द्वारा भारतीय लोकगीत महोत्सव का आयोजन सम्पन्न

 https://www.tharexpressnews.com/indiaonlinenews/Great-organization-of-Indian-Folk-Song-Festival-by-the-facilitator-organization_13031.html थार एक्सप्रेस में प्रकाशित रिपोर्ट सूत्रधार संस्था द्वारा 'भारतीय लोकगीत महोत्सव' का शानदार आयोजन ********************************************* हैदराबाद। सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, भारत की 19 वीं विशेष राष्ट्रीय संगोष्ठी 'भारतीय लोकगीत महोत्सव' का ऑनलाइन आयोजन रविवार दिनांक 28.11.2021 को किया गया। संयोजिका डॉ.राखी सिंह कटियार ने कार्यक्रम का शुभारम्भ किया और उदयपुर से विख्यात लोकगीत कलाकार, पत्रकार और साहित्यकार डॉ. शकुन्तला सरुपरिया जी को अध्यक्षता के लिए मंच पर सादर आमंत्रित किया। तत्पश्चात् विशेष वक्ता के तौर पर कोलकाता की विख्यात युवा कवयित्री सुश्री नीता अनामिका, संस्था अध्यक्ष सरिता सुराणा और सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल से विशेष अतिथि के रूप में विख्यात समाज सेविका और कवयित्री सुश्री प्रतिमा जोशी को मंच पर आमंत्रित किया। श्रीमती ज्योति नारायण ने स्वरचित सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की। उसके बाद संस्था अध्यक्ष ने सभी अतिथ