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Showing posts from July, 2022

डेली शुभ लाभ में प्रकाशित गोष्ठी रिपोर्ट

 https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=pfbid02oFidPtjzCaenJRHSXycb3umC4ZZ6o8UBALmGeQENwRDtbUDCAUQTmi8hZSijLNu1l&id=100009755447698 https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=pfbid0x3WfoAk7GHcq41GcV8fMgqENRnZESgjBHJCbkPvNHCtqtYJiiQbt49WR5pcuRZXkl&id=100009755447698 https://www.facebook.com/100009755447698/posts/pfbid0x3WfoAk7GHcq41GcV8fMgqENRnZESgjBHJCbkPvNHCtqtYJiiQbt49WR5pcuRZXkl/

रूस-यूक्रेन युद्ध पर परिचर्चा गोष्ठी सम्पन्न

 https://telanganasamachar.online/world-language-academys-seminar-concluded/ विश्व भाषा अकादमी तेलंगाना इकाई द्वारा परिचर्चा गोष्ठी सम्पन्न हैदराबाद। विश्व भाषा अकादमी, भारत की तेलंगाना इकाई द्वारा परिचर्चा एवं काव्य गोष्ठी का ऑनलाइन आयोजन किया गया। अध्यक्ष सरिता सुराणा ने सभी अतिथियों और सहभागियों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन किया। आर्या झा की सरस्वती वन्दना से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। तत्पश्चात् परिचर्चा के लिए प्रदत्त विषय- क्या युद्ध से किसी भी समस्या का समाधान सम्भव है? इस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्य वक्ता श्रीमती सुनीता लुल्ला ने कहा कि युद्ध से समस्या का समाधान सम्भव नहीं है लेकिन जब संवाद की स्थिति समाप्त हो जाए तो युद्ध जरूरी हो जाता है। वर्तमान समय में जारी रूस-यूक्रेन युद्ध पर बातचीत करने से पहले हमें थोड़ा पीछे जाकर इतिहास में झांकना पड़ेगा। उन्होंने महाभारत और राम-रावण के युद्ध से लेकर अमेरिका-वियतनाम युद्ध, अमेरिका-इराक युद्ध आदि के अनेक उदाहरणों द्वारा अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि युद्ध एक तरह से ब्रह्मास्त्र है, जिसका उपयोग योद्धा लोग सबसे अन्त में करते थे।

विश्व भाषा अकादमी की परिचर्चा गोष्ठी सम्पन्न

 *विश्व भाषा अकादमी तेलंगाना इकाई द्वारा परिचर्चा गोष्ठी सम्पन्न*   https://yuvapravartak.com/63683/ https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=563600162068636&id=108584627570194 विश्व भाषा अकादमी तेलंगाना इकाई द्वारा परिचर्चा गोष्ठी सम्पन्न हैदराबाद। विश्व भाषा अकादमी, भारत की तेलंगाना इकाई द्वारा परिचर्चा एवं काव्य गोष्ठी का ऑनलाइन आयोजन किया गया। अध्यक्ष सरिता सुराणा ने सभी अतिथियों और सहभागियों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन किया। आर्या झा की सरस्वती वन्दना से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। तत्पश्चात् परिचर्चा के लिए प्रदत्त विषय- क्या युद्ध से किसी भी समस्या का समाधान सम्भव है? इस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्य वक्ता श्रीमती सुनीता लुल्ला ने कहा कि युद्ध से समस्या का समाधान सम्भव नहीं है लेकिन जब संवाद की स्थिति समाप्त हो जाए तो युद्ध जरूरी हो जाता है। वर्तमान समय में जारी रूस-यूक्रेन युद्ध पर बातचीत करने से पहले हमें थोड़ा पीछे जाकर इतिहास में झांकना पड़ेगा। उन्होंने महाभारत और राम-रावण के युद्ध से लेकर अमेरिका-वियतनाम युद्ध, अमेरिका-इराक युद्ध आदि के अनेक उदाहरणों द्वारा अ

थार एक्सप्रेस वेब पोर्टल पर रिपोर्ट प्रकाशित

 https://www.tharexpressnews.com/indiaonlinenews/Organized-National-Multilingual-Poetry-Conference-by-Sutradhar-Sanstha_16064.html

बहुभाषी कवि सम्मेलन की रिपोर्ट विभिन्न वेब पोर्टल पर प्रकाशित

 https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=pfbid0uKA6jJNu8KqwiWZfsYf5hQVegjgeewqwdcmHRhhz1n4JVgpba3L6EyJP3ockCf5Sl&id=100009755447698 https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=pfbid0uKA6jJNu8KqwiWZfsYf5hQVegjgeewqwdcmHRhhz1n4JVgpba3L6EyJP3ockCf5Sl&id=100009755447698 सूत्रधार संस्था द्वारा राष्ट्रीय बहुभाषी कवि सम्मेलन का आयोजन सम्पन्न हैदराबाद। सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, भारत हैदराबाद की स्थापना 31 मई 2020 को की गई थी। संस्था की स्थापना के दो वर्ष पूर्ण होने पर राष्ट्रीय स्तर पर बहुभाषी कवि सम्मेलन का ऑनलाइन आयोजन किया गया। संस्थापिका सरिता सुराणा ने सभी अतिथियों और सहभागियों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन किया। कटक, उड़ीसा से द्विभाषी कवयित्री एवं कहानीकार श्रीमती रिमझिम झा ने इस कवि सम्मेलन की अध्यक्षता की। रांची, झारखण्ड से द्विभाषी कवयित्री श्रीमती संघमित्रा राएगुरू और गोरखपुर, उत्तर-प्रदेश से प्रसिद्ध कवयित्री श्रीमती साधना मिश्रा विशेष अतिथि के रूप में मंच पर उपस्थित थीं। श्रीमती शुभ्रा मोहन्तो की सरस्वती वन्दना से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। तत्पश्चात्

द्वितीय वार्षिकोत्सव समारोह की रिपोर्ट तेलंगाना समाचार वेब पोर्टल पर प्रकाशित

 https://telanganasamachar.online/national-multilingual-poet-conference-on-the-foundation-day-of-the-sutradhar/ सूत्रधार संस्था द्वारा राष्ट्रीय बहुभाषी कवि सम्मेलन का आयोजन सम्पन्न हैदराबाद। सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, भारत हैदराबाद की स्थापना 31 मई 2020 को की गई थी। संस्था की स्थापना के दो वर्ष पूर्ण होने पर राष्ट्रीय स्तर पर बहुभाषी कवि सम्मेलन का ऑनलाइन आयोजन किया गया। संस्थापिका सरिता सुराणा ने सभी अतिथियों और सहभागियों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन किया। कटक, उड़ीसा से द्विभाषी कवयित्री एवं कहानीकार श्रीमती रिमझिम झा ने इस कवि सम्मेलन की अध्यक्षता की। रांची, झारखण्ड से द्विभाषी कवयित्री श्रीमती संघमित्रा राएगुरू और गोरखपुर, उत्तर-प्रदेश से प्रसिद्ध कवयित्री श्रीमती साधना मिश्रा विशेष अतिथि के रूप में मंच पर उपस्थित थीं। श्रीमती शुभ्रा मोहन्तो की सरस्वती वन्दना से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। तत्पश्चात् सरिता सुराणा ने सूत्रधार साहित्यिक पटल पर चलने वाली फीचर शृंखलाओं और वर्ष भर में आयोजित सभी कार्यक्रमों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि संस्था न

सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था द्वारा परिचर्चा गोष्ठी का आयोजन

 https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1722211721447326&id=100009755447698 https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=pfbid033BywXqY14hysZvxTgtUyfNm1EMmtahip8am4AmpfQESDYvnWrJXfRrfWT8FjGRUil&id=100009755447698

केदारनाथ अग्रवाल के रचना-संसार पर परिचर्चा गोष्ठी सम्पन्न

 *केदारनाथ अग्रवाल के रचना-संसार पर परिचर्चा एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन*   https://yuvapravartak.com/64958/ https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=pfbid02KZLxYg9VcjC11vohhJ6ZvS1TNKBZtpVJg1TknTMTadm82ZoXpnu5QtkP3JRfd2evl&id=108584627570194

सूत्रधार संस्था की 26वीं मासिक गोष्ठी आयोजित

 https://telanganasamachar.online/26th-monthly-seminar-of-sutradhar-literary-and-cultural-society-india-hyderabad/ सूत्रधार साहित्यिक संस्था की मासिक गोष्ठी सम्पन्न केदारनाथ अग्रवाल के रचना-संसार पर परिचर्चा एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन हैदराबाद। सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, भारत हैदराबाद द्वारा 26वीं मासिक गोष्ठी का ऑनलाइन आयोजन किया गया। अध्यक्ष सरिता सुराणा ने सभी अतिथियों और सहभागियों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन किया। श्रीमती सुनीता लुल्ला की सरस्वती वन्दना और गुरुवाणी से गोष्ठी प्रारम्भ हुई। तत्पश्चात् प्रथम सत्र प्रारम्भ करते हुए सरिता सुराणा ने श्री केदारनाथ अग्रवाल का जीवन परिचय प्रस्तुत करते हुए कहा कि हिन्दी भाषा के ख्याति प्राप्त कवि केदारनाथ अग्रवाल जी का जन्म उत्तर-प्रदेश के बांदा जनपद के ग्राम कमासिन में श्री हनुमान प्रसाद गुप्ता और माता घसीटो देवी के घर में हुआ था। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा गांव में ही हुई, बाद में उन्होंने इलाहाबाद से बी ए किया और कानपुर में कानूनी शिक्षा प्राप्त की। बाद में बांदा में वकालत करने लगे। इनके पिताजी भी अच्छे कवि थे। उनसे प्रेरणा ल