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Showing posts from April, 2021

अनेकान्त के आराधक भगवान महावीर की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं

 *अनेकान्त के आराधक *भगवान महावीर की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं -सरिता सुराणा,हैदराबाद – युवा प्रवर्तक** https://yuvapravartak.com/?p=50886 युवा प्रवर्तक में प्रकाशित आलेख। डेली शुभ लाभ में प्रकाशित आलेख। https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1419303331738168&id=100009755447698 इन्दौर से प्रकाशित होने वाले दैनिक अवन्तिका में प्रकाशित आलेख। https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1419302611738240&id=100009755447698

भगवान महावीर जयन्ती पर विशेष आलेख

 महावीर जयन्ती पर विशेष लेख ------------------------------------------  अनेकान्त के आराधक परम तपस्वी भगवान महावीर की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं ---------------------------------------------------------------------- जन्म कल्याणक *************** 'अहिंसा परमो धर्म:', 'जीओ और जीने दो' तथा 'सच्चं भयवं' का संदेश देने वाले, राग-द्वैष विजेता, 8 कर्मों को क्षय करके केवल ज्ञान प्राप्त करने वाले कलिकाल सर्वज्ञ वीतराग वर्धमान भगवान महावीर का जन्म क्षत्रिय कुण्डपुर ग्राम में महाराज सिद्धार्थ के राजमहल में चैत्र शुक्ला त्रयोदशी के दिन महारानी त्रिशला देवी की रत्न कुक्षी से हुआ। महावीर के जन्म के तुरन्त बाद सौधर्म इन्द्रादि देवों ने सुमेरु पर्वत पर भगवान का जन्म कल्याणक महोत्सव मनाया। भगवान  महावीर का जीव सोलह स्वप्नों के साथ जब माता त्रिशला के गर्भ में आया, तब से ही राज्य में धन-धान्य और ऐश्वर्य में निरन्तर वृद्धि हुई इसीलिए उनका नाम 'वर्धमान' रखा गया। जन्म से ही भगवान श्रीवत्स आदि 1008 उत्तम लक्षणों से विभूषित थे और उनके साथ दस अतिशय प्रकट हो गए थे। ऐसे अनेक प्रसंग

युवा प्रवर्तक में प्रकाशित मासिक गोष्ठी की रिपोर्ट

 *सूत्रधार साहित्यिक संस्था द्वारा भद्राचलम क्षेत्र पर परिचर्चा एवं काव्य गोष्ठी सम्पन्न – युवा प्रवर्तक* https://yuvapravartak.com/?p=50922

सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था भारत की 12वीं मासिक गोष्ठी सम्पन्न

 https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1421806214821213&id=100009755447698 डेली शुभ लाभ में प्रकाशित रिपोर्ट।

भद्राचलम क्षेत्र के महत्व पर परिचर्चा एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन

 https://abhayindia.com/discussion-and-poetry-seminar-held-on-bhadrachalam-by-sutradhar-literary-society/ हैदराबाद abhayindia.com  सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, भारत की 12वीं मासिक गोष्ठी का आयोजन दिनांक: 25.04.2021 को अपराह्न 12:15 बजे से गूगल मीट के माध्यम से किया गया। मां शारदे का स्मरण करते हुए संस्थापिका सरिता सुराणा ने गोष्ठी प्रारम्भ की। तत्पश्चात् पधारे हुए सभी साहित्यकारों का स्वागत किया। नगर के जाने-माने कवि, नाटककार और निर्देशक सुहास भटनागर ने इस गोष्ठी की अध्यक्षता की। राजस्थान के प्रसिद्ध कवि एवं गीतकार गोविन्द भारद्वाज ने मुख्य अतिथि की भूमिका निभाई। कार्यक्रम का शुभारम्भ ज्योति नारायण द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुआ। उसके बाद नगर के वरिष्ठ कवि एवं गीतकार दुलीचन्द जी शशि एवं नरेन्द्र कोहली जी को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। यह गोष्ठी दो सत्रों में आयोजित की गई। प्रथम सत्र की शुरुआत करते हुए ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भद्राचलम मंदिर की स्थापना के बारे में जानकारी देते हुए सरिता सुराणा ने कहा कि वनवासियों में यह कहानी प्रचलित है कि दम्मक्का नाम

सूत्रधार साहित्यिक संस्था द्वारा भद्राचलम क्षेत्र पर विशेष परिचर्चा एवं काव्य गोष्ठी सम्पन्न

 https://www.tharexpressnews.com/indiaonlinenews/Discussion-and-poetry-seminar-organized-on-Bhadrachalam_7476.html सूत्रधार साहित्यिक संस्था द्वारा भद्राचलम पर परिचर्चा एवं काव्य गोष्ठी सम्पन्न हैदराबाद। सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, भारत की 12वीं मासिक गोष्ठी का आयोजन दिनांक: 25.04.2021 को अपराह्न 12:15 बजे से गूगल मीट के माध्यम से किया गया। मां शारदे का स्मरण करते हुए संस्थापिका सरिता सुराणा ने गोष्ठी प्रारम्भ की। तत्पश्चात् पधारे हुए सभी साहित्यकारों का स्वागत किया। नगर के जाने-माने कवि, नाटककार और निर्देशक सुहास भटनागर ने इस गोष्ठी की अध्यक्षता की। राजस्थान के प्रसिद्ध कवि एवं गीतकार गोविन्द भारद्वाज ने मुख्य अतिथि की भूमिका निभाई।  कार्यक्रम का शुभारम्भ श्रीमती ज्योति नारायण द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुआ। उसके बाद नगर के वरिष्ठ कवि एवं गीतकार दुलीचन्द जी शशि एवं नरेन्द्र कोहली जी को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। यह गोष्ठी दो सत्रों में आयोजित की गई। प्रथम सत्र की शुरुआत करते हुए ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भद्राचलम मंदिर की स्थापना के बारे में जानकारी