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Showing posts from March, 2022

सुर संगम संगीत संध्या की रिपोर्ट युवा प्रवर्तक वेब पोर्टल पर प्रकाशित

  सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, भारत हैदराबाद द्वारा महिला दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित सुर संगम संगीत संध्या कार्यक्रम की रिपोर्ट युवा प्रवर्तक वेब पोर्टल पर प्रकाशित। *सूत्रधार संस्था द्वारा सुर संगम संगीत संध्या का आयोजन* https://yuvapravartak.com/?p=61347 https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=514570030304983&id=108584627570194 डेली शुभ लाभ, हैदराबाद में प्रकाशित रिपोर्ट https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1640375732964259&id=100009755447698 सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, भारत (हैदराबाद) द्वारा 'महिला दिवस विशेष-सुर संगम संगीत संध्या' कार्यक्रम की रिपोर्ट डेली शुभ लाभ, हैदराबाद में प्रकाशित। हार्दिक आभार आदरणीय सम्पादक महोदय।

सूत्रधार द्वारा सुर संगम संगीत संध्या का आयोजन

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 सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, भारत (हैदराबाद) द्वारा आयोजित ऑनलाइन 'महिला दिवस विशेष-सुर संगम संगीत संध्या' की रिपोर्ट तेलंगाना समाचार में प्रकाशित। https://telanganasamachar.online/sutradhars-special-program-on-womens-day/ सूत्रधार: विश्व महिला दिवस पर विशेष कार्यक्रम ‘सुर संगम संगीत संध्या’ आयोजित POSTED ON  MARCH 8, 2022  BY  ADMIN_TS POSTED IN  TOP NEWS ,  कला-साहित्य TAGGED  SARITHA SURANA ,  SUTRADHAR हैदराबाद (सरिता सुराणा की रिपोर्ट):  सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, भारत की ओर से विश्व महिला दिवस की पूर्व संध्या पर एक विशेष कार्यक्रम- ‘सुर संगम संगीत संध्या’ का आयोजन किया गया। संस्थापिका सरिता सुराणा ने सभी अतिथियों और सहभागियों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन किया और नैरोबी, केन्या निवासी अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवयित्री एवं कुशल वक्ता सुश्री सारिका फलोर को अध्यक्षता हेतु एवं स्वर कोकिला, संगीत विशारद श्रीमती शुभ्रा मोहन्तो को मुख्य अतिथि के रूप में वर्चुअल मंच पर आमंत्रित किया। अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित करके मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्

रूस-यूक्रेन युद्ध पर मेरी एक कविता

 रूस-यूक्रेन युद्ध पर मेरी एक कविता- युद्ध है विनाशकारी **************** युद्ध नहीं है किसी भी समस्या का समाधान युद्ध तो है उन साम्राज्यवादी ताकतों की  विस्तारवादी नीति का घातक परिणाम! जो अपने से अपेक्षाकृत कमजोर देशों को हड़पना चाहते हैं और चाहते हैं अपने तानाशाही शासन का विस्तार अपनी सत्ता और शक्ति का खुला प्रदर्शन कर औरों की आवाज को दबाना उनके संसाधनों पर कब्जा करना हिंसा के माध्यम से मानवता का विनाश करना अपने अहम् की पुष्टि हेतु हर तरह के हथकण्डे आजमाना मगर वे यह भूल जाते हैं कि युद्ध नहीं है किसी भी समस्या का समाधान युद्ध से मचता है घमासान होता है जन-धन का नुक़सान युद्ध के बाद बचती है केवल राख वर्तमान पीढ़ी और आने वाली पीढ़ियों को पूरी तरह से बर्बाद करने को। - सरिता सुराणा 10.03.2022