सूत्रधार द्वारा नौ दिवसीय मातृ भक्ति गीत महोत्सव आयोजित
सूत्रधार का नौ दिवसीय मातृ भक्ति गीत महोत्सव हर्षोल्लास से सम्पन्न
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हैदराबाद। सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, भारत (हैदराबाद) प्राचीन भारतीय संस्कृति और लोकगीतों के समृद्ध साहित्य को बढ़ावा देने के लिए सदैव अग्रणी संस्था की भूमिका निभाती आ रही है। हमारे देश में वर्ष भर पर्व और त्यौंहारों की धूम मची रहती है और संस्था उनसे सम्बन्धित रोचक और मनोरंजक कार्यक्रम लेकर आपके समक्ष उपस्थित होती है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए 2 अप्रैल से लेकर 10 अप्रैल तक संस्था द्वारा नौ दिवसीय 'मातृ भक्ति गीत महोत्सव' का भव्य आयोजन किया गया।
इस महोत्सव के नौंवे दिन माता सिद्धिदात्री की आराधना में देश भर से ख्याति प्राप्त साहित्यकारों ने पटल पर अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई। संस्थापिका सरिता सुराणा ने संस्कृत श्लोकों के उच्चारण से माता का आह्वान किया और सभी अतिथियों को वर्चुअल मंच पर आमंत्रित किया। हरिद्वार से विख्यात गज़लकार एवं साहित्यकार श्री भूदत्त शर्मा जी कार्यक्रम अध्यक्ष के रूप में, सुल्तानपुर, उत्तर-प्रदेश से प्रसिद्ध कवि एवं गीतकार श्री हरिनाथ शुक्ल जी मुख्य अतिथि, उदयपुर, राजस्थान से युवा कवि श्री मोहन जाट विशेष अतिथि और उदयपुर से ही हिन्दी व राजस्थानी भाषा की राष्ट्रीय कवयित्री एवं गीतकार डॉ. शकुन्तला सरुपरिया जी कार्यक्रम संचालिका के रूप में मंच पर विराजमान थे। सरिता सुराणा ने सभी अतिथियों और दर्शकों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन किया और संस्था की स्थापना एवं उद्देश्यों के बारे में संक्षिप्त जानकारी प्रदान की। श्री मोहन जाट की मातृ वन्दना से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। तत्पश्चात् सरिता सुराणा ने माता की स्तुति में विभिन्न दोहे प्रस्तुत किए और मोहन जाट ने अपनी ओजस्वी वाणी में एक से बढ़कर एक रचनाएं प्रस्तुत करके वातावरण को भक्तिमय बना दिया। उनकी रचनाएं आध्यात्मिक भावों से परिपूर्ण थी। श्री हरिनाथ शुक्ल ने गीतों की प्रस्तुति के साथ बेटियों की महिमा पर अपनी रचना का पाठ करके श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। डाॅ. शकुन्तला सरुपरिया ने अपनी बुलन्द आवाज में गीतों का सस्वर पाठ प्रस्तुत करते हुए कार्यक्रम को बुलन्दियों पर पहुंचा दिया। अध्यक्षीय काव्य पाठ प्रस्तुत करते हुए श्री भूदत्त शर्मा जी ने एक से बढ़कर एक मर्मस्पर्शी रचनाएं प्रस्तुत करके सबको निशब्द कर दिया। अध्यक्षीय टिप्पणी देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम में उपस्थित होकर उन्हें बहुत आनन्द आया। सब रचनाकारों ने एक से बढ़कर एक शानदार प्रस्तुतियां दी। वे इस उलझन में थे कि उन्हें सुनें या फिर लिखें। उन्होंने इस तरह के महत्वपूर्ण आयोजन हेतु संस्था को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं दीं। डाॅ.शकुन्तला सरुपरिया जी ने अपने अनोखे काव्यमय अन्दाज में संचालन करते हुए सबका मन मोह लिया। सरिता सुराणा ने उनका विशेष आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज उन्हीं के सहयोग से सूत्रधार मंच पर इतने लब्ध प्रतिष्ठित विद्वान माता की आराधना करने हेतु पधारे और पूर्णाहुति के दिन भक्ति गीतों का समां बांध दिया, उनकी आराधना सफल हुई। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दर्शक उपस्थित थे और सभी ने अपने कमेण्ट्स से प्रस्तुतकर्ताओं का उत्साहवर्धन किया। बहुत ही भक्तिमय और आनन्ददायक वातावरण में यह कार्यक्रम लगभग डेढ़ घण्टे तक चला।
रिपोर्ट:
सरिता सुराणा
10.04.2022
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