*विश्व भाषा अकादमी तेलंगाना इकाई द्वारा परिचर्चा गोष्ठी सम्पन्न* https://yuvapravartak.com/63683/ https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=563600162068636&id=108584627570194 विश्व भाषा अकादमी तेलंगाना इकाई द्वारा परिचर्चा गोष्ठी सम्पन्न हैदराबाद। विश्व भाषा अकादमी, भारत की तेलंगाना इकाई द्वारा परिचर्चा एवं काव्य गोष्ठी का ऑनलाइन आयोजन किया गया। अध्यक्ष सरिता सुराणा ने सभी अतिथियों और सहभागियों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन किया। आर्या झा की सरस्वती वन्दना से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। तत्पश्चात् परिचर्चा के लिए प्रदत्त विषय- क्या युद्ध से किसी भी समस्या का समाधान सम्भव है? इस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्य वक्ता श्रीमती सुनीता लुल्ला ने कहा कि युद्ध से समस्या का समाधान सम्भव नहीं है लेकिन जब संवाद की स्थिति समाप्त हो जाए तो युद्ध जरूरी हो जाता है। वर्तमान समय में जारी रूस-यूक्रेन युद्ध पर बातचीत करने से पहले हमें थोड़ा पीछे जाकर इतिहास में झांकना पड़ेगा। उन्होंने महाभारत और राम-रावण के युद्ध से लेकर अमेरिका-वियतनाम युद्ध, अमेरिका-इराक युद्ध आदि के अनेक उदाहरणों द्वारा अ
नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में विरोध प्रदर्शन जारी है। विधायक के घर और रेलवे स्टेशन को आग के हवाले कर दिया गया है। समझ में नहीं आता कि देश को खतरा इन उग्रवादी संगठनों से है या किसी और से? अगर इन्हें अपना देश, अपना प्रदेश प्रिय होता तो ये कभी भी निजी या सरकारी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाते। ये शायद भूल रहे हैं कि इन्होंने तो अपने ही देशवासियों को अपने राज्य से इस तरह खदेड़ दिया था, जैसे वे विदेशी हों। बरसों से रह रहे भारतवासियों को अपना सब कुछ छोड़कर रातों-रात वहां से अपनी जान बचाकर भागना पड़ा था। अपने ही देश में वे निर्वासित कर दिए गए थे। तब न तो तत्कालीन सरकार और न ही कोई मानवाधिकारवादी संगठन इनको रोकने आगे आए थे और न ही आज़ आ रहे हैं। उल्टा आज़ वे ही अलगाववादी दल विपक्ष में बैठकर उन्हें हिंसा और उग्रवाद के लिए भड़का रहे हैं। जिनको अपनी संस्कृति इतनी प्यारी है, वे दूसरे की संस्कृति का सम्मान क्यों नहीं करते? क्या पूर्वोत्तर के राज्यों के निवासी देश में किसी अन्य राज्य में नहीं रहते? नागरिकता संशोधन बिल तो आज़ आया है लेकिन इन्होंने तो पूर्ववर्ती सरक
https://hindi.sakshi.com/news/telangana/world-language-academy-telangana-unit-106985 विश्व भाषा अकादमी, भारत की तेलंगाना इकाई द्वारा बसन्तोत्सव काव्य गोष्ठी सम्पन्न 23 Feb, 2021 18:15 IST | के. राजन्ना गोष्ठी उपस्थित लेखक, कवि और साहित्यकार 'बसन्तोत्सव' पर काव्य गोष्ठी का ऑनलाइन आयोजन आनन्द और उल्लास मनुष्य के जीवन में आते हैं हैदराबाद : विश्व भाषा अकादमी , भारत की तेलंगाना इकाई की ओर से 'बसन्तोत्सव' पर काव्य गोष्ठी का ऑनलाइन आयोजन किया गया। इकाई अध्यक्ष सरिता सुराणा ने इस गोष्ठी की अध्यक्षता की। सर्वप्रथम अध्यक्ष ने सभी सहभागियों का स्वागत किया। इकाई महासचिव ज्योति नारायण की सरस्वती वन्दना से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। तत्पश्चात् काव्य गोष्ठी को प्रारम्भ करते हुए गुजराती भाषा सलाहकार भावना पुरोहित ने अपनी रचना 'ऋतुओं में मैं बसन्त हूं, मधुमास में, ऋतुराज में मध्यम वातावरण' तो मराठी भाषा सलाहकार मीना खोंड ने 'पतझड़ हो गई ओझल, पल्लवित हुआ जीवन, रुत आई सुहानी' रचना का सुमधुर पाठ कर सभी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इंसान के जीवन में ऋतुओं का महत्व परा
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