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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस : धनबाद रेलवे मण्डल महिला के हवाले, पढ़कर रह जाएंगे दंग



धनबाद/हैदराबाद : प्रतिवर्ष 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इसके दो दिन पहले ही धनबाद रेलवे मण्डल में महिला सशक्तिकरण का बेजोड़ दृश्य देखने को मिल रहा है। भारतीय रेलवे को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले पांच रेल मंडलों में शुमार धनबाद रेल मंडल के रेलवे स्टेशन को अब महिलाओं के हवाले कर दिया गया है।
ये महिलाएं अब यात्रियों की टिकटें काट रही हैं। कंट्रोल रूम में बैठकर रेलगाड़ियों के परिचालन को नियंत्रित कर रही हैं। टिकट चेकिंग के साथ-साथ सुरक्षा का जिम्मा भी संभाल रही हैं।
कंट्रोल रूम
धनबाद रेल मंडल इस बार अनूठे अंदाज में महिला दिवस मना रहा है। एक तरह से यह महिलाओं के प्रति उसका सम्मान है और साथ ही साथ उनकी काबिलियत की स्वीकार्यता भी है। धनबाद रेलवे स्टेशन का नजारा बदल गया है। अंतरराष्ट्रीय महिला सप्ताह पर यहां की बागडोर महिलाओं ने संभाल ली।

कंट्रोल रूम को संचालित करती हुई महिलाएं
कंट्रोल रूम को संचालित करती हुई महिलाएं
टिकट काउंटर पर सिर्फ महिला कर्मी ही टिकट जारी कर रही हैं। बेटिकट यात्रियों से निपटने के लिए भी महिला टीटीई को उतारा गया है। सुरक्षा के लिए भी आरपीएफ की महिला बटालियन ने परेड किया। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर भी धनबाद स्टेशन परिचालन की पूरी जिम्मेदारी महिलाओं के ही हाथ में होगी।

सिंदरी-धनबाद पैसेंजर ट्रेन का परिचालन
सिंदरी-धनबाद पैसेंजर ट्रेन का परिचालन
सिंदरी-धनबाद पैसेंजर
महिला दिवस पर धनबाद से सिंदरी के बीच चलने वाली पैसेंजर सवारी गाड़ी का परिचालन भी महिला कर्मचारियों के जिम्मे होगा। सवारी गाड़ी में चालक, सहायक चालक, गार्ड, टिकट चेकर और सुरक्षा व्यवस्था सब कुछ महिलाएं ही संभालेंगी।
सुरक्षा का संभाला मोर्चा
धनबाद रेलवे स्टेशन के पास आरपीएफ की महिला सुरक्षाकर्मियों ने हाल ही में परेड किया। महिला दिवस पर भी महिला आरपीएफ अधिकारी अपनी बटालियन के साथ मुस्तैद रहेंगी। धनबाद से खुलने और गुजरने वाली ट्रेनों में सफर करने वाली महिला यात्रियों से वे फीडबैक भी लेंगी। उससे डीआरएम व अन्य संबंधित अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।
धनबाद मंडल में वर्तमान में 1019 महिला कर्मी सेवारत हैं। इनमें टीटीई के साथ-साथ ट्रेन चलाने वाली सहायक रेल चालक और सहायक स्टेशन मास्टर भी हैं। टीटीई व सहायक स्टेशन मास्टर के रूप में महिलाएं धनबाद, गोमो और बरकाकाना में भी सेवारत हैं।
- सरिता सुराणा, वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार हैदराबाद

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