मेरे द्वारे फागुन आया
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फूली सरसों, खेत मुस्काया
मेरे द्वारे फागुन आया।
धरणी ने ओढ़ी धानी चुनरिया
आम्र-पल्लव बौराया। मेरे द्वारे.....
कोयल ने छेड़ी मधुर तान
स्वर संगम लहराया। मेरे द्वारे ......
बैसाखी की दस्तक देने
जब बसन्त स्वयं आया। मेरे द्वारे.......
पड़ी चंग पर थाप जब देखो
भंग का रंग चढ़ आया। मेरे द्वारे......
खिला गोरी का अंग-अंग, जब
साजन ने प्यार का रंग लगाया। मेरे द्वारे......
रंगों के लगे अंबार है देखो
त्यौंहार होली का आया।
मस्ती, प्यार, मनुहार के संग
खुशियां झोली भर कर लाया।
मेरे द्वारे फागुन आया।।
- सरिता सुराणा
10.03.2020
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फूली सरसों, खेत मुस्काया
मेरे द्वारे फागुन आया।
धरणी ने ओढ़ी धानी चुनरिया
आम्र-पल्लव बौराया। मेरे द्वारे.....
कोयल ने छेड़ी मधुर तान
स्वर संगम लहराया। मेरे द्वारे ......
बैसाखी की दस्तक देने
जब बसन्त स्वयं आया। मेरे द्वारे.......
पड़ी चंग पर थाप जब देखो
भंग का रंग चढ़ आया। मेरे द्वारे......
खिला गोरी का अंग-अंग, जब
साजन ने प्यार का रंग लगाया। मेरे द्वारे......
रंगों के लगे अंबार है देखो
त्यौंहार होली का आया।
मस्ती, प्यार, मनुहार के संग
खुशियां झोली भर कर लाया।
मेरे द्वारे फागुन आया।।
- सरिता सुराणा
10.03.2020
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