भारतीय महाक्रांति सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अविनाश ध संकुड़े द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार श्रीमती सरिता सुराणा को संगठन की तेलंगाना प्रदेशाध्यक्ष पद पर नियुक्त किया जाता है। उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए अध्यक्ष महोदय ने कहा कि श्रीमती सरिता सुराणा को उनके उत्कृष्ट सामाजिक कार्यों के लिए इस पद पर नियुक्त किया जा रहा है।
हम आशा करते हैं कि वे सामाजिक कार्यों के लिए इस पद का उपयोग करेंगी और संगठन में एक महत्वपूर्ण योगदान देंगी। संगठन के किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय में हमारे साथ विचारों का आदान-प्रदान करके सभी काम कानूनी तरीके से करेंगी। राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र मुनोत ने उन्हें आगामी सामाजिक कार्यों के लिए शुभकामनाएं प्रेषित की।
कुछ साहित्यिक रचनाएं ऐसी होती हैं जो वर्षों तक अपनी महत्ता कायम रखती हैं। आदरणीय गिरिजा कुमार माथुर का यह गीत भी उसी श्रेणी में आता है। हालांकि यह उन्होंने से स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लिखा था, लेकिन आज जब हमारा देश संक्रमण काल से गुजर रहा है तो इस गीत की प्रासंगिकता और बढ़ जाती है। आइए पढ़ते हैं इसे और एक जिम्मेदार नागरिक होने का कर्त्तव्य निभाने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हैं। आज जीत की रात पहरुए! सावधान रहना ******************* - गिरिजा कुमार माथुर खुले देश के द्वार अचल दीपक समान रहना प्रथम चरण है नये स्वर्ग का है मंज़िल का छोर इस जन-मंथन से उठ आई पहली रत्न-हिलोर अभी शेष है पूरी होना जीवन-मुक्ता-डोर क्योंकि नहीं मिट पाई दुख की विगत साँवली कोर ले युग की पतवार बने अंबुधि समान रहना। विषम शृंखलाएँ टूटी हैं खुली समस्त दिशाएँ आज प्रभंजन बनकर चलतीं युग-बंदिनी हवाएँ प्रश्नचिह्न बन खड़ी हो गयीं यह सिमटी सीमाएँ आज पुराने सिंहासन की टूट रही प्रतिमाएँ उठता है तूफान, इंदु! तुम दीप्तिमान रहना। ऊंची हुई मशाल हमारी आगे कठिन डगर है शत्रु हट गया, लेकिन उसकी छाय...
https://telanganasamachar.online/26th-monthly-seminar-of-sutradhar-literary-and-cultural-society-india-hyderabad/ सूत्रधार साहित्यिक संस्था की मासिक गोष्ठी सम्पन्न केदारनाथ अग्रवाल के रचना-संसार पर परिचर्चा एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन हैदराबाद। सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, भारत हैदराबाद द्वारा 26वीं मासिक गोष्ठी का ऑनलाइन आयोजन किया गया। अध्यक्ष सरिता सुराणा ने सभी अतिथियों और सहभागियों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन किया। श्रीमती सुनीता लुल्ला की सरस्वती वन्दना और गुरुवाणी से गोष्ठी प्रारम्भ हुई। तत्पश्चात् प्रथम सत्र प्रारम्भ करते हुए सरिता सुराणा ने श्री केदारनाथ अग्रवाल का जीवन परिचय प्रस्तुत करते हुए कहा कि हिन्दी भाषा के ख्याति प्राप्त कवि केदारनाथ अग्रवाल जी का जन्म उत्तर-प्रदेश के बांदा जनपद के ग्राम कमासिन में श्री हनुमान प्रसाद गुप्ता और माता घसीटो देवी के घर में हुआ था। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा गांव में ही हुई, बाद में उन्होंने इलाहाबाद से बी ए किया और कानपुर में कानूनी शिक्षा प्राप्त की। बाद में बांदा में वकालत करने लगे। इनके पिताजी भी अच्छे कवि थे। उनसे प्रेर...
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