इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में हिन्दी भाषा का महत्त्व विषयक आॅनलाइन राष्ट्रीय संगोष्ठी वेबिनार आयोजित
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में हिन्दी भाषा का महत्त्व विषयक आॅनलाइन राष्ट्रीय संगोष्ठी वेबिनार आयोजित

इलेक्ट्रोनिक मीडिया में हिन्दी भाषा का महत्व' राष्ट्रीय संगोष्ठी
हिन्दी भाषा ही एकमात्र ऐसी भाषा है, जो सबसे ज्यादा बोली जाती
हैदराबाद : विवेकानन्द गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, विद्यानगर के हिन्दी विभाग की ओर से गुरुवार को 'इलेक्ट्रोनिक मीडिया में हिन्दी भाषा का महत्व' विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी (वेबिनार) का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की निदेशक हिन्दी विभाग की अध्यक्ष डॉ एचके वंदना थीं और इसकी अध्यक्षता की प्रिंसिपल डॉ जी सुकन्या ने किया।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे, तुलसी भवन, उस्मानिया विश्वविद्यालय के डायरेक्टर प्रो प्रदीप कुमार और सम्माननीय अतिथि थे, प्रो संजय राठौड़, हिन्दी विभागाध्यक्ष, डॉ बी आर अम्बेडकर मराठवाड़ा यूनिवर्सिटी, औरंगाबाद, डॉ राजश्री मोरे, हिन्दी विभागाध्यक्ष कोटी वूमेंस कालेज, डॉ वैशाली बोदले, डॉ.बी आर अम्बेडकर मराठवाड़ा यूनिवर्सिटी, औरंगाबाद, डॉ के संगीता, यूनिवर्सिटी पीजी कॉलेज, सिकंदराबाद, डॉ सुषमा, हिन्दी विभाग बद्रुका कॉलेज और डॉ संयुक्ता थोराट पंत, नागपुर यूनिवर्सिटी।
सर्वप्रथम डॉ वंदना ने सेमिनार में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया तत्पश्चात अध्यक्ष की अनुमति से सेमिनार का शुभारंभ किया। इस वेबिनार में उपरोक्त सभी अतिथियों द्वारा प्रपत्र प्रस्तुत किए गए। साथ ही इफ्लू हैदराबाद से डॉ कोकिला, बेगमपेट डिग्री कॉलेज से डॉ. सरिता और डॉ. अफसरुन्निसा, हिन्दी विभाग उस्मानिया यूनिवर्सिटी से एकता राठौड़ और अन्य 50 शोधार्थियों ने अपने-अपने प्रपत्र प्रस्तुत किए।
रामायण और महाभारत
डॉ. संयुक्ता थोराट पंत ने टेलीविजन के रामायण और महाभारत सीरियल में हिन्दी भाषा के महत्व को रेखांकित किया। डॉ सरिता का विषय था, जनसंचार के माध्यमों द्वारा हिन्दी भाषा का प्रचार-प्रसार, उन्होंने वर्तमान समय में सोशल मीडिया में हिन्दी भाषा के बढ़ते प्रयोग पर अपने विचार रखे। संगीता जी ने दूरदर्शन और हिन्दी विषय पर अपनी बात रखी। उनका कहना था कि बोलचाल में हिन्दी भाषा का प्रयोग बढ़ रहा है, लेकिन लिखने में हिन्दी को रोमन लिपि में लिखा जा रहा है, यह चिंता की बात है।
मोबाइल फोन
राजश्री मोरे ने कहा कि हिन्दी भाषा के बिना हमारा देश आगे नहीं बढ़ सकता। देश को एक सम्पर्क भाषा की जरूरत है। डॉ कोकिला ने इंटरनेट पर हिन्दी, गूगल सर्च, इलेक्ट्रोनिक मीडिया में हिन्दी भाषा का महत्त्व' विषय पर कीपीडिया, ईमेल आदि में हिन्दी के प्रयोग पर प्रकाश डाला। संजय राठौड़ ने कहा कि जनसंचार माध्यमों में भाषा का महत्वपूर्ण योगदान है। टीवी में दृश्य और श्रव्य दोनों ही प्रयुक्त होते हैं। हिन्दी में संवाद अधिकतर लोग समझ सकते हैं। सुषमा मैडम ने कहा कि जनसंचार माध्यम में हिन्दी भाषा का बहुत महत्व है। मोदीजी के आने के बाद हिन्दी भाषा का वर्चस्व देश-विदेश में बढ़ा है अफसरुन्निसा मैडम ने जनसंचार के साधनों में मोबाइल फोन का योगदान विषय पर अपने विचार रखे।
हिन्दी भाषा
स्वतंत्र पत्रकार एवं लेखिका सरिता सुराणा ने प्रिंट मीडिया से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में हिन्दी भाषा के बढ़ते प्रभाव पर अपनी बात रखते हुए कहा कि आज इंटरनेट, मल्टीमीडिया, कम्प्यूटर, ब्लॉग, यू ट्यूब चैनल, समाचार, वृत्तचित्र, फिल्में और विज्ञापन आदि सभी में हिन्दी भाषा का प्रयोग लगातार बढ़ रहा है। हिन्दी भाषा ही एकमात्र ऐसी भाषा है, जो हमारे देश में सबसे ज्यादा लोगों द्वारा बोली और समझी जाती है। जनसंपर्क के माध्यम के रूप में हिन्दी भाषा का अत्यधिक महत्व है।
इंटरनेट
प्रो.प्रदीप कुमार ने विषय पर अपनी बात रखते हुए कहा कि आज हमारे पास हर तरह की सुविधा है लेकिन प्राचीन काल में तो संदेशवाहक घोड़ों पर सवार होकर संदेश पहुंचाते थे। उसके बाद में डाक द्वारा चिट्ठियां और टेलीग्राम भेजे जाते थे। परन्तु आज इंटरनेट के माध्यम से हम बहुत जल्दी एक-दूसरे से संवाद स्थापित कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रेमचंद की कहानियों को उन्होंने पिक्चराइज किया है, उस रूप में उन्हें दिखाने पर साधारण व्यक्ति को भी वे समझ में आ जाती है। लेकिन उसके पीछे हिन्दी भाषा का महत्वपूर्ण योगदान है। आज रामायण और महाभारत सीरियलों में जो उच्च कोटि की हिन्दी भाषा प्रयोग में लाई जा रही है, वह भी लोगों को समझ में आ रही है। सेमिनार डायरेक्टर डॉ एचके वंदना के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
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