जैन जीवन शैली अपनाएं कोरोना को दूर भगाएं
जैन जीवन शैली अपनाएं, कोरोना वायरस को भगाएं 27 May, 2020 15:51 IST | Sakshi डिजाइन फोटो जैन धर्म त्याग प्रधान धर्म है जैन धर्म अहिंसा प्रधान धर्म है आगार धर्म और अणगार धर्म जैन धर्म त्याग प्रधान धर्म है। इसमें संयम, तप और साधना पर विशेष बल दिया गया है। यह केवल साधु-संतों के लिए नियम पालन की बात नहीं करता अपितु इसमें श्रावक-श्राविकाओं के लिए भी व्रतों का पालन करना उतना ही जरूरी है। अगर साधु-साध्वियों के लिए पांच महाव्रतों का पालन अनिवार्य है तो आम नागरिकों के लिए अणुव्रतों का विधान है। सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, अचौर्य और ब्रह्मचर्य इन पांच महाव्रतों का पालन एक गृहस्थ व्यक्ति अणुव्रतों के रूप में कर सकता है। आज से शताब्दियों पूर्व भगवान महावीर ने आगार धर्म और अणगार धर्म का प्रतिपादन किया था। यही आगार धर्म गृहस्थ व्यक्तियों के लिए था। तब से लेकर अब तक प्रत्येक जैन धर्मावलंबी इनका अपने व्यावहारिक जीवन में प्रयोग करके जीवदया को बढ़ावा देते हैं। पानी छानकर पीना आज जब सम्पूर्ण विश्व कोरोना महामारी की चपेट में है, चारों ओर त्राहि-त्राहि मची हुई है, तब हम कुछ साधारण बातों का ध्यान रखकर...