सूत्रधार द्वारा आयोजित ऑनलाइन परिचर्चा एवं काव्य गोष्ठी की रिपोर्ट साक्षी समाचार में प्रकाशित
काव्य गोष्ठी सम्पन्न 3 Mar, 2021 18:44 IST | के. राजन्ना गोष्ठी में विचार व्यक्त करते हुए कवि, लेखक और साहित्यकार पन्त जी का वास्तविक नाम गुसाईं दत्त था लेकिन अपना नाम बदलकर सुमित्रानंदन पन्त रख लिया महात्मा गांधी के असहयोग आन्दोलन से प्रभावित होकर इन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी हैदराबाद: सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, भारत की दसवीं मासिक गोष्ठी का ऑनलाइन आयोजन किया गया। संस्थापिका सरिता सुराणा द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि यह गोष्ठी दो सत्रों में आयोजित की गई। सर्वप्रथम अध्यक्ष ने सभी सदस्यों और अतिथियों का स्वागत किया और संस्था के उद्देश्यों और क्रियाकलापों के बारे में जानकारी दी। तत्पश्चात् सुनीता लुल्ला ने निराला कृत सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की। प्रथम सत्र में छायावादी कवि सुमित्रानंदन पन्त के रचना-संसार पर परिचर्चा की गई। चर्चा आरम्भ करते हुए सरिता सुराणा ने कहा कि सुमित्रानंदन पन्त का जन्म 20 मई सन् 1900 ई. को अल्मोड़ा जिले के कोसानी गांव में हुआ था। इनके जन्म के कुछ ही समय पश्चात् इनकी माताजी सरस्वती देवी का निधन हो गया। इसलिए इनकी दादी ने ही