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शाश्वत सृजन में प्रकाशित आलेख

 उज्जैन से प्रकाशित मासिक समाचार पत्र शाश्वत सृजन में प्रकाशित आलेख अक्षय पुण्य फलदायी तिथि है अक्षय तृ‌तीया  --------------------------------------------------------- धार्मिक मान्यतानुसार अक्षय तृतीया पर्व वैशाख मास के शुक्‍ल पक्ष की तृतीय तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन कोई भी शुभ कार्य करने के लिए अबूझ मुहूर्त होता है। अक्षय तृतीया पर किए गए कार्यों का कई गुना फल प्राप्‍त होता है। इसे 'आखातीज' के नाम से भी जाना जाता है। पुराणों में ऐसा बताया गया है कि यह बहुत ही पुण्य फलदायी तिथि है, जो कुछ भी पुण्य कार्य इस दिन किए जाते हैं उनका फल अक्षय होता है।  अक्षय तृ‌तीया मनाने के कई कारण माने जाते हैं, उनमें से प्रमुख हैं- 1. इस दिन भगवान विष्‍णु के छठे अवतार माने जाने वाले भगवान परशुराम का जन्‍म हुआ था। परशुराम ने महर्षि जमदाग्नि और माता रेनुका देवी के घर जन्‍म लिया था। यही कारण है कि अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्‍णु की उपासना की जाती है। इस दिन परशुराम जी की पूजा करने का भी विधान है। 2. इस दिन मां गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थीं। राजा भागीरथ ने गंगा को धरती पर अव

एशिया खबर में प्रकाशित आलेख

 https://laghukathaasarrita24.blogspot.com/2020/04/blog-post.html?m=1

पुस्तक लोकार्पण एवं कवि सम्मेलन -11.06.2023

 https://telanganasamachar.online/inauguration-ceremony-of-sutradhar-literary-institute/

सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था का उद्घाटन समारोह

 सूत्रधार साहित्यिक संस्था का उद्घाटन समारोह पुस्तक लोकार्पण एवं कवि सम्मेलन का आयोजन हैदराबाद। सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, भारत हैदराबाद एवं केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, हैदराबाद केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में रविवार, दिनांक 11 जून 2023 को सूत्रधार संस्था का उद्घाटन समारोह, पुस्तक लोकार्पण एवं कवि सम्मेलन का आयोजन संस्थान के सभागार में किया गया। संस्थापिका सरिता सुराणा ने कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए सभी अतिथियों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन किया और उन्हें मंच पर आमंत्रित किया। केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के निदेशक डॉ गंगाधर वानोडे ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ अहिल्या मिश्र मुख्य अतिथि और पुस्तक लोकार्पणकर्ता के रूप में और साहित्य मनीषी विद्वान प्रो ऋषभदेव शर्मा विशेष अतिथि के रूप में मंचासीन थे। प्रख्यात भाषाकर्मी और से. नि.सहायक महाप्रबंधक , राजभाषा ई सिंडिकेट बैंक डाॅ वी वेंकटेश्वर राव सम्माननीय अतिथि और वरिष्ठ प्रबंधक राजभाषा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के देवकांत पवार भी मंच पर विराजमान थे। कार्यक्रम संचालिका श्रीमती मंजुला दूसी ने संस्थापिका सरिता

डेली शुभ लाभ में प्रकाशित गोष्ठी रिपोर्ट

 https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=pfbid02oFidPtjzCaenJRHSXycb3umC4ZZ6o8UBALmGeQENwRDtbUDCAUQTmi8hZSijLNu1l&id=100009755447698 https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=pfbid0x3WfoAk7GHcq41GcV8fMgqENRnZESgjBHJCbkPvNHCtqtYJiiQbt49WR5pcuRZXkl&id=100009755447698 https://www.facebook.com/100009755447698/posts/pfbid0x3WfoAk7GHcq41GcV8fMgqENRnZESgjBHJCbkPvNHCtqtYJiiQbt49WR5pcuRZXkl/

रूस-यूक्रेन युद्ध पर परिचर्चा गोष्ठी सम्पन्न

 https://telanganasamachar.online/world-language-academys-seminar-concluded/ विश्व भाषा अकादमी तेलंगाना इकाई द्वारा परिचर्चा गोष्ठी सम्पन्न हैदराबाद। विश्व भाषा अकादमी, भारत की तेलंगाना इकाई द्वारा परिचर्चा एवं काव्य गोष्ठी का ऑनलाइन आयोजन किया गया। अध्यक्ष सरिता सुराणा ने सभी अतिथियों और सहभागियों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन किया। आर्या झा की सरस्वती वन्दना से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। तत्पश्चात् परिचर्चा के लिए प्रदत्त विषय- क्या युद्ध से किसी भी समस्या का समाधान सम्भव है? इस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्य वक्ता श्रीमती सुनीता लुल्ला ने कहा कि युद्ध से समस्या का समाधान सम्भव नहीं है लेकिन जब संवाद की स्थिति समाप्त हो जाए तो युद्ध जरूरी हो जाता है। वर्तमान समय में जारी रूस-यूक्रेन युद्ध पर बातचीत करने से पहले हमें थोड़ा पीछे जाकर इतिहास में झांकना पड़ेगा। उन्होंने महाभारत और राम-रावण के युद्ध से लेकर अमेरिका-वियतनाम युद्ध, अमेरिका-इराक युद्ध आदि के अनेक उदाहरणों द्वारा अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि युद्ध एक तरह से ब्रह्मास्त्र है, जिसका उपयोग योद्धा लोग सबसे अन्त में करते थे।

विश्व भाषा अकादमी की परिचर्चा गोष्ठी सम्पन्न

 *विश्व भाषा अकादमी तेलंगाना इकाई द्वारा परिचर्चा गोष्ठी सम्पन्न*   https://yuvapravartak.com/63683/ https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=563600162068636&id=108584627570194 विश्व भाषा अकादमी तेलंगाना इकाई द्वारा परिचर्चा गोष्ठी सम्पन्न हैदराबाद। विश्व भाषा अकादमी, भारत की तेलंगाना इकाई द्वारा परिचर्चा एवं काव्य गोष्ठी का ऑनलाइन आयोजन किया गया। अध्यक्ष सरिता सुराणा ने सभी अतिथियों और सहभागियों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन किया। आर्या झा की सरस्वती वन्दना से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। तत्पश्चात् परिचर्चा के लिए प्रदत्त विषय- क्या युद्ध से किसी भी समस्या का समाधान सम्भव है? इस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्य वक्ता श्रीमती सुनीता लुल्ला ने कहा कि युद्ध से समस्या का समाधान सम्भव नहीं है लेकिन जब संवाद की स्थिति समाप्त हो जाए तो युद्ध जरूरी हो जाता है। वर्तमान समय में जारी रूस-यूक्रेन युद्ध पर बातचीत करने से पहले हमें थोड़ा पीछे जाकर इतिहास में झांकना पड़ेगा। उन्होंने महाभारत और राम-रावण के युद्ध से लेकर अमेरिका-वियतनाम युद्ध, अमेरिका-इराक युद्ध आदि के अनेक उदाहरणों द्वारा अ