शाश्वत सृजन में प्रकाशित आलेख
उज्जैन से प्रकाशित मासिक समाचार पत्र शाश्वत सृजन में प्रकाशित आलेख अक्षय पुण्य फलदायी तिथि है अक्षय तृतीया --------------------------------------------------------- धार्मिक मान्यतानुसार अक्षय तृतीया पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन कोई भी शुभ कार्य करने के लिए अबूझ मुहूर्त होता है। अक्षय तृतीया पर किए गए कार्यों का कई गुना फल प्राप्त होता है। इसे 'आखातीज' के नाम से भी जाना जाता है। पुराणों में ऐसा बताया गया है कि यह बहुत ही पुण्य फलदायी तिथि है, जो कुछ भी पुण्य कार्य इस दिन किए जाते हैं उनका फल अक्षय होता है। अक्षय तृतीया मनाने के कई कारण माने जाते हैं, उनमें से प्रमुख हैं- 1. इस दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार माने जाने वाले भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। परशुराम ने महर्षि जमदाग्नि और माता रेनुका देवी के घर जन्म लिया था। यही कारण है कि अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु की उपासना की जाती है। इस दिन परशुराम जी की पूजा करने का भी विधान है। 2. इस दिन मां गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थीं। राजा भागीरथ ने गंगा को धरती पर अव